
प्रदेश में जहां सरकार ने अवैध खनन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है और सरकारी विभागों के कारिन्दे भी दिखावे की कार्रवाई कर सरकार को आंकड़ों की पूर्ति भी कर रहे हैं। वहीं, पीलीभीत जिले के पुलिस थाना क्षेत्र पूरनपुर, माधोटांडा के अंतर्गत माधोटांडा पूरनपुर रोड पर खनन माफिया अवैध तरीके से खनन कर लगभग 500 घन मीटर की परमिशन की आड़ में दिन भर ट्रैक्टर-ट्रॉलिया रोजाना खनन करते हुए खुले आम माधोटांडा, पुरनपुर थाने की सीमा से होकर अलग अलग इलाके तक पहुंच रहे हैं। सोचने की बात तो यह है की सूचना देने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी खनन माफियाओं के प्रति कार्रवाई करने से बचते हैं। भूमि से अवैध तरीके से मिट्टी की खुदाई कर सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलिया दिनों रात अवैध खनन कर रही है। मजे की बात तो यह है कि सरकार का तंत्र पुलिस विभाग रेवेन्यू व खनिज विभाग के साथ एसडीएम तहसीलदारों की टीम कार्रवाई करती है। यह खानापूर्ति यह तो अवैध खनन की इन तस्वीरों से भी साफ हो जाता है। जबकि योगी सरकार इन अवैध खनन माफियायो के उपर सख्त कार्रवाई के मूड में है। लेकिन जिनके कंधों पर यह जिम्मेदारी है, वह भी शायद खानापूर्ति में लगे हैं। प्रदेश भर में जहां सरकार ने अवैध खनन को रोकने के सरकारी आदेश जारी कर चुकी है। लेकिन अवैध खनन करने वाले नियमों को ताक पर रखकर अब अवैध खनन का यह काम दिन के साथ साथ रात में भी करने लगे हैं। अवैध खनन की मार गरीब लोगो पर ज्यादा पड़ रही है, जो अपने सिर पर छाया के लिए घर का निर्माण में जो मिट्टी दोगने से कई गुणा भावों में खरीदने को मजबूर हैं। एक अनुमान के तहत पहले एक ट्रॉली मिट्टी 500 रुपए में आसानी से मिल जाती थी, वहीं अब 2000 से 2500 रुपये तक की मिल रही है। मतलब यह कि अवैध खनन के कारोबार में लगे लोगों की बल्ले-बल्ले हो चुकी है। अधिकारीयो का कहना है कि अवैध खनन की जहां भी सूचना मिलेगी तो टीम तुरंत उस पर कार्रवाई करेगी। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध खनन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। इस पर समय रहते सरकार यदि कोई ठोस कानून बनाकर कार्रवाई करे तो पूरनपुर क्षेत्र में चल रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जा सकती है।